होडल विधानसभा में कहीं पानी की किल्लत तो कहीं यमुना के पानी की मार: नीरज सौरोत

There is shortage of water in Hodal Assembly and somewhere due to Yamuna water

There is shortage of water in Hodal Assembly and somewhere due to Yamuna water

There is shortage of water in Hodal Assembly and somewhere due to Yamuna water- होडल। हरियाणा के होडल विधानसभा क्षेत्र से मुख्य पार्टियों  के साथ साथ कई निर्दलीय व छोटी पार्टियों के प्रत्याशी भी चुनावों में किस्मत आजमा रहे हैं। श्रीमती नीरज सौरोत बंचारी भी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरी हैं। नीरज सौरोत का कहना है कि इतने साल गुजर गये लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र  के कई इलाकों में अभी तक पीने के पानी की भी किल्लत है।

एक एरिया ऐसा है जहां पीने तक का पानी नहीं तो दूसरा इलाका ऐसा है जहां यमुना का पानी पूरी फसर को तबाह कर देता है। नीरज सौरोत का कहना है कि यह समस्याएं तो उनके जन्म से पहले ही सुधर जानी चाहिये थी। यहां से जिन जिन्होंने भी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, इन समस्याओं की तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया। आम जन के जीवन से जुड़ी  हुई चीजें या मूलभूत सुविधाओं की ओर तो कम से कम यहां से विधायक रहे प्रत्याशियों को ध्यान देना चाहिए था।

कुछ एरिया ऐसे हैं जहां पीने के पानी कि किल्लत है। 21वीं सदी में अगर किसी को यह बताते हैं तो खुद बखुद शर्म आती है। लोग प्यासे हैं और उनकी प्यास तक ये नुमाइंदे नहीं बुझा पाए। एक इलाका ऐसा है जहां यमुना फसलों को पूरी तरह से तबाह कर देती है। बाढ़ के पानी को ठिकाने लगाने की कोई व्यवस्था इतने सालों में तैयार नहीं हो पाई। सत्तासीन पार्टियों का व्यवहार होडल क्षेत्र के प्रति कोई बहुत बढिय़ा नहीं रहा है।

यही वजह है कि जनता त्रस्त है और इन्हीं मसलों का निपटारा करने के उद्देश्य से नीरज चुनाव मैदान में उतरी हैं। जनता ने साथ और समर्थन दिया तो चुनाव में जीत दर्ज कर इन मुद्दों को सुलझाने का सबसे पहले प्रयास करेंगे।  नीरज के पिता करण भी चुनावों में बेटी के साथ इन मुद्दों को लेकर वोट मांगते घूम रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जनता की आकांक्षाओं पर वह खरा उतरेंगे।